Folk Dances and Music of Madhya Pradesh (मध्य प्रदेश के लोक नृत्य और संगीत)

Folk Dances and Music of Madhya Pradesh (मध्य प्रदेश के लोक नृत्य और संगीत)



मध्य प्रदेश के लोक नृत्य और संगीत

मध्य प्रदेश, भारतीय राज्य मध्य प्रदेश का भी नाम है, जहां विभिन्न लोक नृत्य और संगीत की समृद्ध परंपरा है। यहां के निवासियों की सांस्कृतिक विरासत उनके नृत्य और संगीत के माध्यम से दर्शायी जाती है। इन लोक नृत्यों और संगीत का प्रदर्शन जीवंतता, रंगीनी, और आनंद की भावना भरा होता है। चलिए, इस लेख में हम मध्य प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्यों और संगीत के बारे में विस्तार से जानते हैं।

**मध्य प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य (Folk Dances of Madhya Pradesh)**

1. **गोंद नृत्य (Gond Dance):** गोंद नृत्य मध्य प्रदेश के गोंद जनजाति के लोगों द्वारा प्रदर्शित जाता है। यह नृत्य इस जनजाति की विशेषताओं को दिखाता है और उनकी प्राकृतिकता और संबंधों को मनोज्ञ रूप में प्रस्तुत करता है। गोंद नृत्य में नृत्यार्थी शक्तिशाली और जीवंत ताल में नृत्य करते हैं। इसमें जीवंतता, उत्साह, और सामरस्य का एक अद्वित

ीय मेल देखा जा सकता है।

2. **भगोरिया नृत्य (Bhagoria Dance):** भगोरिया नृत्य मध्य प्रदेश के भिलाल जनजाति का प्रमुख नृत्य है। यह नृत्य भिलाल समाज के युवा पुरुषों और स्त्रियों के बीच मनाया जाने वाला एक प्रमुख सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव है। यह नृत्य विवाह की परंपरा से संबंधित है और युवा पुरुषों और स्त्रियों के बीच मजेदार और रोमांचक गतिविधि का माध्यम है।

3. **तेरताली नृत्य (Teratali Dance):** तेरताली नृत्य मध्य प्रदेश के निमाड़ जनजाति के विशेषताओं को प्रदर्शित करता है। इस नृत्य में, महिलाएं धामरिया और मणियाना घाघरा पहनती हैं और मन्त्रों के साथ खुद को मारती हैं। इसकी विशेषता यह है कि महिलाएं आवाज का उपयोग नहीं करती हैं, बजाय इसके वे अपने पैरों के ताल को धड़कते हैं, जिससे एक खास ध्वनि उत्पन्न होती है।

4. **मटकी नृत्य (Matki Dance):** मटकी नृत्य उज्जैन मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध लोक नृत्य है। इसमें महिलाएं मटकी (ब

ार्थल) को सिर पर रखती हैं और गणेश भजनों के साथ नृत्य करती हैं। यह नृत्य गणेश चतुर्थी के अवसर पर आयोजित किया जाता है और महिलाओं की ऊर्जा, गतिविधि, और उत्साह को प्रकट करता है।

इन लोक नृत्यों के अलावा, मध्य प्रदेश में गोंड, धीमर, कहरवा, रैफ, जोगी नृत्य जैसे अन्य प्रमुख लोक नृत्य भी होते हैं। ये नृत्य भिन्न-भिन्न जनजातियों और क्षेत्रों में प्रचलित हैं और मध्य प्रदेश की संस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन नृत्यों के माध्यम से सामाजिक संदेश, धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाओं, स्थानीय कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं को प्रस्तुत किया जाता है।

**मध्य प्रदेश के प्रमुख संगीत (Folk Music of Madhya Pradesh)**

मध्य प्रदेश का संगीत भी उसकी बहुमुखी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। यहां पर विभिन्न गीत, नृत्य और संगीत की परंपराओं का विकास हुआ है। मध्य प्रदेश के प्रमुख संगीत रूपों में निम्नलिखित शामिल

 हैं:

1. **लोक गीत (Folk Songs):** मध्य प्रदेश में विभिन्न लोक गायन रूपों का प्रचलन है। गोंद जनजाति के गीत, माळवा और निमाड़ के लोक गीत, मलवी, भिलाल, निगाही और बुंदेलखंड के गीत इनमें से कुछ प्रमुख रूप हैं। ये गाने सामाजिक, धार्मिक, प्रेम, और वीर रस को व्यक्त करते हैं और आम जनता के बीच प्रस्तुत होते हैं।

2. **कविता और भजन (Poetry and Bhajan):** मध्य प्रदेश में भी संस्कृति, भाषा और धर्म के संबंध में बहुत सी प्रमुख कविताएँ और भजनों की परंपरा है। कविता और भजन विभिन्न आयोजनों, पूजा-अर्चना और सामाजिक सभाओं में प्रदर्शित होते हैं। इनमें से कुछ प्रसिद्ध कवियों में रसखान, भवानीप्रसाद मिश्र, गोपाल प्रसाद नीरज, और महादेवी वर्मा शामिल हैं।

3. **लोक इंस्ट्रुमेंट (Folk Instruments):** मध्य प्रदेश के लोक संगीत में विभिन्न लोक इंस्ट्रुमेंट का उपयोग किया जाता है। इनमें से कुछ प्रमुख लोक इंस्ट्रुमेंट ढोलक, मंजीरा, ढोल, बंजी, ताल, सरंगी, ब

ंसुरी, डफली, खड़ताल, ताशा, और ज्वाला मुखी शामिल हैं। इन इंस्ट्रुमेंट्स की ध्वनि और ताल मध्य प्रदेश के लोक संगीत को विशेष बनाती हैं।

4. **गढ़वाली गीत (Garhwali Songs):** मध्य प्रदेश के उच्च क्षेत्रों में गढ़वाली गीतों की प्रस्तुति प्रमुख है। ये गाने शिविरों, यात्राओं, उत्सवों और विभिन्न परंपराओं में गाए जाते हैं। गढ़वाली गीतों में अपार भावनाएं, प्रेम, प्रकृति की महिमा और स्थानीय जीवन की चर्चा की जाती है।

5. **भटकंगड़ा गीत (Bhatkhande Songs):** मध्य प्रदेश में भटकंगड़ा गीतों की परंपरा भी मौजूद है। ये गाने सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों में गाए जाते हैं और विभिन्न रागों पर आधारित होते हैं। भटकंगड़ा गीतों में आनंद, उत्साह और समरसता का विशेष प्रकट होता है।

मध्य प्रदेश का लोक नृत्य और संगीत इस राज्य की सांस्कृतिक धरोहर का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। ये नृत्य और संगीत लोगों की आनंद, उत्साह और

 एकता को प्रकट करते हैं और उन्हें उनकी जीवनशैली और सामाजिक मूल्यों से जोड़ते हैं। इन आदिवासी और लोक कलाओं को संरक्षित रखने, प्रशंसा करने और प्रमोट करने की आवश्यकता है ताकि इस खास परंपरा को साक्षात्कार करने के लिए आगे की पीढ़ियों को मौका मिल सके।

मध्य प्रदेश का लोक नृत्य और संगीत उसकी अमूल्य संस्कृतिक धरोहर हैं जो उसकी विविधता और विरासत को प्रकट करती हैं। इन कलाओं का संरक्षण, संवर्धन और प्रचार प्रसार करके, मध्य प्रदेश सरकार और समाज को इनमें शामिल करना चाहिए। संगीत और नृत्य की इस धरोहर को विश्व स्तर पर पहचान, सम्मान, और प्रशंसा की आवश्यकता है ताकि ये सांस्कृतिक विरासत सदैव बनी रहे और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा दे।

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