पैरालंपिक खेलों का इतिहास(History of Para Olympic) पैरालंपिक खेलों के बारे में विषेश जानकारी

 पैरालंपिक खेलों का इतिहास(History of Para Olympic) पैरालंपिक खेलों के बारे में विषेश जानकारी ।


पैरालंपिक खेलों का इतिहास 1948 में शुरू हुआ, जब ब्रिटेन के डॉक्टर सर लुडविग गुट्टमैन ने युद्ध में घायल सैनिकों के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। उन्होंने यह प्रतियोगिता स्टोक मैंडेविल अस्पताल में आयोजित की, जहाँ द्वितीय विश्व युद्ध के घायल सैनिकों का इलाज किया जाता था। इसका उद्देश्य था सैनिकों का मानसिक और शारीरिक पुनर्वास करना। यह आयोजन स्टोक मैंडेविल गेम्स के नाम से जाना गया।


प्रारंभिक विकास (1950-1960)

1952 में, इस प्रतियोगिता में अंतरराष्ट्रीय भागीदारी हुई जब नीदरलैंड्स के खिलाड़ी इसमें शामिल हुए। यह पहली बार था जब इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली। 1960 में रोम में पहली बार पैरालंपिक खेलों का आयोजन हुआ। इसमें 23 देशों के 400 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया, और इसे आधिकारिक तौर पर पैरालंपिक नाम दिया गया।


पैरालंपिक खेलों का विस्तार (1960-1980)

1960 से 1980 तक पैरालंपिक खेलों ने काफी विस्तार किया। प्रत्येक चार साल के अंतराल पर, यह आयोजन नियमित रूप से आयोजित किया जाने लगा। इस दौरान खेलों में विकलांगों के विभिन्न प्रकारों के लिए विभिन्न खेल जोड़े गए, जैसे व्हीलचेयर बास्केटबॉल, तीरंदाजी, और एथलेटिक्स।


अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (IPC) की स्थापना (1989)

1989 में, इंटरनेशनल पैरालंपिक कमेटी (IPC) की स्थापना हुई, जिसका मुख्यालय बॉन, जर्मनी में है। यह संस्था पैरालंपिक खेलों के संगठन, नियमन और विस्तार का कार्यभार संभालती है। IPC ने सुनिश्चित किया कि पैरालंपिक खेलों को वैश्विक स्तर पर मान्यता और समर्थन मिले।

पैरालंपिक खेलों की प्रमुख उपलब्धियाँ

सियोल 1988 और अल्बर्टविल 1992: इन खेलों के साथ पैरालंपिक और ओलंपिक खेलों का आयोजन एक ही शहर में होने लगा। इससे पैरालंपिक खेलों को अधिक मान्यता और लोकप्रियता मिली।

2000 सिडनी पैरालंपिक: इस आयोजन को अत्यधिक सफल माना जाता है। इसमें पहली बार खेलों को मीडिया में व्यापक रूप से कवर किया गया।

लंदन 2012 पैरालंपिक: लंदन पैरालंपिक खेलों को अब तक के सबसे बड़े और सबसे सफल आयोजन के रूप में देखा जाता है, जिसमें 164 देशों के 4,200 से अधिक एथलीटों ने हिस्सा लिया।

पैरालंपिक खेलों का उद्देश्य

पैरालंपिक खेलों का उद्देश्य शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को खेल के माध्यम से प्रेरित करना, उनके आत्मसम्मान को बढ़ाना, और समाज में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करना है। यह खेल शारीरिक और मानसिक सीमाओं को तोड़ने का प्रतीक बन चुके हैं।

आधुनिक पैरालंपिक खेल

आधुनिक पैरालंपिक खेलों में शारीरिक विकलांगता के आधार पर विभिन्न खेलों का आयोजन किया जाता है, जैसे कि व्हीलचेयर बास्केटबॉल, व्हीलचेयर रेसिंग, बोक्सिया, दृष्टिहीनों के लिए फुटबॉल, स्विमिंग, और एथलेटिक्स। ये खेल ओलंपिक खेलों के समानांतर होते हैं और हर चार साल में आयोजित होते हैं।


नतीजा

आज पैरालंपिक खेलों को वैश्विक खेल समुदाय में व्यापक मान्यता और समर्थन प्राप्त है। यह खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं हैं, बल्कि विकलांग व्यक्तियों के साहस, धैर्य, और संघर्ष की अद्वितीय कहानियों का प्रतीक बन चुके हैं।


यहाँ पैरालंपिक खेलों की अब तक की मेज़बान शहरों और वर्षों की सूची दी गई है, जिनमें ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन दोनों पैरालंपिक खेल शामिल हैं:

ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक खेल:

1960 – रोम, इटली

1964 – टोक्यो, जापान

1968 – तेल अवीव, इज़राइल

1972 – हीडलबर्ग, जर्मनी

1976 – टोरंटो, कनाडा

1980 – अर्नहेम, नीदरलैंड्स

1984 – न्यूयॉर्क, यूएसए और स्टोक मैंडेविल, यूके (दो शहरों में आयोजित)

1988 – सियोल, दक्षिण कोरिया

1992 – बार्सिलोना, स्पेन

1996 – अटलांटा, यूएसए

2000 – सिडनी, ऑस्ट्रेलिया

2004 – एथेंस, ग्रीस

2008 – बीजिंग, चीन

2012 – लंदन, यूके

2016 – रियो डी जनेरियो, ब्राजील

2020 – टोक्यो, जापान (आयोजित 2021 में, COVID-19 के कारण)

2024 – पेरिस, फ्रांस (ग्रीष्मकालीन)

शीतकालीन पैरालंपिक खेल:

1976 – ऑर्न्स्कोल्ड्स्विक, स्वीडन

1980 – गीर्लो, नॉर्वे

1984 – इंसब्रुक, ऑस्ट्रिया

1988 – इंसब्रुक, ऑस्ट्रिया

1992 – टिन, फ्रांस

1994 – लिल्हैमर, नॉर्वे

1998 – नागानो, जापान

2002 – सॉल्ट लेक सिटी, यूएसए

2006 – ट्यूरिन, इटली

2010 – वैंकूवर, कनाडा

2014 – सोची, रूस

2018 – प्योंगचांग, दक्षिण कोरिया

2022 – बीजिंग, चीन

आगामी पैरालंपिक खेल:

2026 – मिलान और कॉर्तिना डी'अम्पेज़ो, इटली (शीतकालीन)

2028- लॉस एंजिल्स अमेरका 

इस प्रकार, पैरालंपिक खेलों का आयोजन अब तक कई देशों में हुआ है और यह आयोजन खेल और समाज में समावेशिता के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध हो चुका है।

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