भारतीय संविधान के सभी 12 अनुसूचियां | भारतीय संविधान के अनुसूचियां ।
सर्वप्रथम जैसे कि आप सभी को बता दें कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है भारत के संविधान में एक ओर 12 अनुसूचियां हैं, 22 भाग हैं और 395 लेख हैं
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संविधान की अनुसूची (संविधान की अनुसुची )
आज हम भारतीय संविधान में उपस्थित प्रमुख 12 अनुसूचियों (भारतीय संविधान की सभी अनुसूचियों) के बारे में पूरी जानकारी आपको देने वाले हैं | अनुसूचियां बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण होती हैं और आपकी परीक्षा में यहां से प्रश्न बने हैं भारतीय संविधान का निर्माण 26 नवंबर 1949 को हो गया था उस समय भारतीय संविधान में 8 अनुसूचियां थीं | उसके बाद अलग-अलग संविधानों में 4 अनुसूचियां और युग्म होना चाहिए और अभी वर्तमान में भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियां (भारतीय संविधान में कुल अनुसूचियां) हैं, जो निम्न प्रकार हैं-
1. पहला अनुसूची - देश और 28 राज्यों का उल्लेख
2. दूसरा अनुसूची - वेतन, भत्ते और पेंशन
3. तीसरा अनुसूची - शपथ संबंधित उल्लेख
4.चौथी अनुसूची - राज्यसभा की सीटों का उल्लेख
5. पांचवीं अनुसूची - जाति और जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन का उल्लेख
6. छटवी अनुसूची - असम, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम का जनजातीय प्रशासन
7. सातवां अनुसूची - सेंटर और राज्यों के बीच बंटवारा
8. आठवीं अनुसूची - 22 भाषाओं उल्लेख
9. नौवीं अनुसूची - भूमि सुधार संबंधी
10. दसवीं अनुसूची - योजना के बदले संबंधित प्रावधान
11. ग्यारहवीं अनुसूची- पंचायतों का प्रावधान
12. बारहवीं अनुसूची - नगर बॉडी का प्रावधान
भारतीय संविधान के सभी अनुसूचियां| भारतीय संविधान के अनुसूचियां
पहला अनुसूची
भारतीय संविधान की पहली अनुसूची (पहली अनुसुची) में भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्रों का उल्लेख किया गया है जैसे- वर्तमान में भारत के पहले शेड्यूल में 28 राज्यों और 8 विवरणों का आधिकारिक रूप से उल्लेख किया गया है किसी भी नए राज्य का उल्लेख या कोई भी केंद्र अनाधिकृत देश का निर्माण करने के लिए पहले अनुसूची में संशोधन करना संविधान के 69वें संशोधन के द्वारा दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र घोषित किया गया था
दूसरा अनुसूची
भारतीय संविधान की दूसरी अनुसूची (दूसरी अनुसुची) में राष्ट्रपति, राज्यपाल, सोलह राष्ट्रपति - उपराष्ट्रपति, राज्यसभा के सभापति - उपसभापति, विधानसभा अध्यक्ष, उच्च एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, CAG आदि को प्राप्त होने वाले वेतन, पसंद और पेंशन जैसे अधिकारी का बताया गया है | संक्षेप में कहें तो दूसरे आहार में विभिन्न अधिकारियों के वेतन और पेंशन का उल्लेख किया गया है
तीसरा अनुसूची
संविधान की तीसरी अनुसूची (तिसारी अनुसुची) में विभिन्न अधिकारियों जैसे कि मंत्री, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश आदि के द्वारा ली जाने वाली शपथ ग्रहण के लिए तीसरे अनुसूची में प्रावधान किया गया है | संक्षेप में कहें तो तीसरे शेड्यूल में सब्सक्रिप्शन से संबंधित है |
चौथा अनुसूची
भारतीय संविधान की चौथी अनुसूची (चौथी अनुसुची) राज्यों में विभिन्न राज्यों के कथनों के अनुसार यह बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण है, जिसमें यह निर्धारित किया जाता है कि किस राज्य से कितने सीट संकेत हैं |
पांचवी अनुसूची
Five अनुसूची (पंचवी अनुसुची) में विभिन्न क्षेत्रों और क्षेत्रों के क्षेत्रों के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उल्लेख किया गया है | यह क्षेत्र भारत के कई राज्यों में शामिल है, जिनके प्रशासन से संबंधित पांचवी अनुसूची में जानकारी दी गई है
छठा अनुसूची
संविधान की सोलहवीं अनुसूची (चठी अनुसुची) में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के प्रदर्शन के प्रशासन के बारे में प्रावधान है | यह कार्य भी महत्वपूर्ण है, याद रखने के लिए आप असम,त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम (ATMM) इस शब्द को याद रख सकते हैं |
सातवीं अनुसूची
संविधान की सातवीं अनुसूची (सत्व अनुसुची) केंद्र और राज्यों के बीच विभिन्न शक्तियों के बंटवारे के बारे में जानकारी देती है | यह बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है | सातवें शेड्यूल में ही तीन शिकवा बंद कर दिया गया है, जो इस प्रकार हैं- 1. संघ सूची, 2. राज्य सूची, 3.समवर्ती सूची |
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1. संघ सूची (संघ सूची):-
संघ सूची में उल्लिखित सभी विषयों पर कानून बनाने का अधिकार सिर्फ सरकार या संसद के पास होता है
संविधान लागू होते समय में 97 विषय थे और वर्तमान में लगभग 100 विषय इसमें शामिल हैं
सभी राष्ट्रीय महत्व की विषय सूची (संघ सूची) में ही उल्लेखित किए गए हैं
जैसे कि- विदेश नीति, रक्षा, युद्ध, रेल, डाक, मुद्रा, बैंकिंग, आदि विषय |
2.राज्य सूची (राज्य सूची):-
राज्य सूची में दिए गए विषय पर कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार या विधानमंडल को होता है
यह कानून अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हो सकता है, क्योंकि विधानमंडल अलग-अलग होते हैं
राष्ट्रीय हित से संबंधित होने पर केंद्र सरकार भी राज्य सूची (राज्य सूची) के विषय पर कानून बना सकते हैं
स्टेट लिस्ट के सभी विषयों पर संसद के पास कानून बनाने का अधिकार होता है, लेकिन वह मामला खारिज होने के 6 माह तक ही मानते रहते हैं।
संविधान के लागू होते समय में कुल 66 विषय थे, लेकिन वर्तमान में इसमें 61 विषय हैं |
राज्य सूची में प्रमुख विषय शामिल हैं, जैसे कि- पुलिस, जेल, स्थानीय शासन, कृषि, आदि सभी विषय जो राष्ट्रीय हित के नहीं हो |
3.समवर्ती सूची (समवर्ती सूची):-
समवर्ती सूची में उल्लिखित विषयों पर कानून बनाने का अधिकार राज्य और संघ दोनों के पास होता है
यानी कि विधान मंडल भी कानून बना सकता है और संसद भी कानून बना सकती है, लेकिन दोनों के कानून के विपरीत होने पर संसद का कानून बना रहेगा |
समवर्ती सूची को ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लिया गया है
संविधान के लागू होने के समय समवर्ती सूची (संवर्ती सूची) में 47 विषय थे, लेकिन वर्तमान में 52 विषय हैं |
इसमें कुछ प्रमुख विषय हैं जैसे कि विवाह, तलाक, शिक्षा, बिजली वन आदि |
आठवां अनुसूची
संविधान की सबसे महत्वपूर्ण अनुसूची आठवीं अनुसूची (आठवीं अनुसुची) हैं और आपकी परीक्षा में भी यहां से प्रश्न पूछे गए हैं |
संविधान के आठवें शेड्यूल में द स्काईलाइन का उल्लेख किया गया है
वर्तमान में आठवीं अनुसूची में कुल 22 भाषाएं शामिल की गई हैं
जब संविधान लागू हुआ तब मूल रूप से आठवीं अनुसूची में 14 भाषाएं थीं, लेकिन वर्तमान में इसमें 22 भाषाएं हैं |
इसमें समय-समय पर कनिष्क को जोड़ा गया | जैसे कि –
1967 में (21वें संशोधन द्वारा) सिंधी भाषा को आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया
1992 में (71वें संविधान संशोधन के द्वारा) मणिरी, कोंकणी और नेपाली भाषा को इसमें जोड़ा गया
2003 में (92वें संविधान संशोधन द्वारा) इसमें मैथिली, संथाली, डोगरी एवं बोडोवाइरल को संविधान के आठवें शेड्यूल में शामिल किया गया था।
संसद के संविधान में संशोधन कर किसी नई भाषा को आठवीं अनुसूची में जोड़ा जा सकता है और हटाया जा सकता है
नौवां अनुसूची
संविधान की नौवीं अनुसूची (नौवी अनुसुची) संविधान के पहले संशोधन द्वारा 1951 में जोड़ी गई | इस शेड्यूल के तहत एसेट के एग्रीमेंट का जिक्र किया गया है | खास बात यह है कि नौवीं अनुसूची में शामिल विषयों को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती है | वर्तमान में लगभग इसी अनुसूची में 284 अधिनियम शामिल है |
10वी अनुसूची
संविधान की दसवीं अनुसूची (दसवी अनुसुची) 52वें संविधान संशोधन द्वारा 1985 में जोड़ी गई, जिसमें दल बदलने से संबंधित पहलुओं का उल्लेख किया गया है।
11वीं अनुसूची
संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची (एग्यार्वी अनुसुची) 73वें संविधान संशोधन, 1992 (1993 में लागु) में जोड़ी गई | ग्यारहवीं अनुसूची में पंचायती राज का उल्लेख किया गया है वर्तमान में ग्यारहवीं अनुसूची में पंचायती राज से संबंधित 29 विषय शामिल किए गए हैं
बारहवीं अनुसूची
संविधान की 12वीं अनुसूची (बह्रवी अनुसुची) 74 वे संविधान संशोधन 1993 द्वारा दी गई | संविधान की 12वीं अनुसूची में शहरी क्षेत्र में स्थानीय शासन यानी नगर नियमों का उल्लेख किया गया है बारहवीं अनुसूची में वर्तमान में नगर निकायों के पास में 18 विषय है।
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संविधान के अनुसूची याद करने की ट्रिक (Anusuchi Trick)