मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्वत । Major mountains of Madhya pardesh in hindi
मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्वत । Major mountains of Madhya pardesh in hindi
नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट के मध्यम से हम मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्वत (Major Mountains of Madhya Pradesh) के बारे में जानेंगे ।
मध्य प्रदेश का अधिकांश भाग पठारी है, लेकिन प्रदेश में कुछ प्रमुख पर्वत भी पाए जाते हैं।
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अरावली पर्वत
अरावली पर्वत को पृथ्वी की प्राचीनतम पर्वत श्रृंखला माना जाता है। यह पर्वत मालवा पठार के उत्तर-पश्चिम भाग में
विस्तृत है। इन पर्वतों के ढाल काफी तीव्र होते हैं।
इस पर्वत की सबसे ऊँची चोटी माउंट आबू में स्थित गुरु शिखर है, जिसकी ऊँचाई 1722 मी. है। यह पर्वत श्रेणी दिल्ली से लेकर अहमदाबाद (गुजरात) तक 800 कि.मी. में विस्तृत है।
विंध्याचल पर्वत
• यह हिमालय से भी प्राचीन पर्वत है, जो नर्मदा नदी के उत्तर में पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर विस्तृत है।
इन पर्वतों का निर्माण क्वार्ज एवं बालू-पत्थरों से हुआ है। • सोन, बेतवा, केन आदि प्रमुख नदियाँ यहाँ से प्रवाहित होती हैं।
सतपुड़ा पर्वत
• इस पर्वत का विस्तार पूर्व से पश्चिम की ओर राजपीपला की पहाड़ियों से होकर पश्चिमी घाट तक फैला है। यह नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित विंध्याचल पर्वत के समानांतर लगभग 1120 किमी. लंबाई में विस्तृत है। इस पर्वत को सामान्य 7 शाखाएँ हैं जिनमें अमरकंटक, असीरगढ़ तथा महादेव प्रमुख है। यह पर्वत ग्रेनाइट एवं बेसाल्ट चट्टानों से बना हुआ है।
मैकाल-अमरकंटक पर्वत
सतपुड़ा पर्वत के दक्षिण से पूर्वी भाग में फैले हुए भाग को मैकाल-अमरकंटक श्रेणी कहते हैं। इस पर्वत का निर्माण बलुआ पत्थर, क्वार्ट्ज एवं अवसादी चट्टानों से हुआ है।
इस श्रेणी का विस्तार मध्य प्रदेश के शहडोल, डिंडोरी, मंडला जिले में हुआ है।
महादेव श्रेणी या पहाड़ी
मध्य प्रदेश में सतपुड़ा के पूर्वी विस्तार को महादेव श्रेणी या पहाड़ी की संज्ञा मैं जाती है।
यह श्रेणी छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी तथा होशंगाबाद जिलों में फैली हुई है। इस श्रेणी का निर्माण बलुआ पत्थर एवं क्वार्ट्ज चट्टानों से हुआ है। • इस प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पंचमढ़ी महादेव पर्वत श्रेणी में स्थित है। इन क्षेत्रों में उष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं।
महादेव पहाड़ी में ही राज्य की सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ (1350 मी) स्थित है।
कैमूर-भांडेर श्रेणी
विंध्याचल पर्वत के पूर्वी भाग में फैले हुए पर्वत को कैमूर-भांडेर श्रेणी कहते हैं। यह श्रेणी क्वार्ट्ज चट्टानों एवं लाल बलुआ पत्थर की चट्टानों से निर्मित हैं।
सतना, सोधी, पत्ता, रीवा और छतरपुर जिलों में इन श्रेणियों का विस्तार है।
इसकी औसत ऊँचाई लगभग 450-600 मी. है. यह श्रेणी सोन एवं यमुना नदी के जल को विभक्त करती है।
परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण तथ्य
- क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश भारत का दूसरा बड़ा राज्य है।
- राज्य की सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ (1350 मी.) महादेव पहाड़ियों में स्थित है।
- शिवपुरी में खैर की लकड़ी से कत्था बनाने का कारखाना है। कुड़प्पा समूह की चट्टानें अत्यधिक टूटी एवं कायांतरित रूप में देखने को मिलती है।
- पृथ्वी की सबसे प्राचीनतम पर्वत श्रृंखला मानी जाने वाली अरावली पर्वत, मध्य प्रदेश में मालवा पठार के उत्तरी-पश्चिमी भाग में विस्तृत है।
- कर्क रेखा मध्य प्रदेश के 14 जिलों से होकर गुजरती है।
- धारवाड़ समूह की चट्टानें मुख्य रूप से जबलपुर, बालाघाट एवं छिंदवाड़ा जिलों में मिलती हैं।
- राज्य का उत्तर से दक्षिण विस्तार 605 किमी. है तथा पूर्व से पश्चिम विस्तार 870 कि.मी. है।
- प्रदेश की राजनीतिक सीमा 5 राज्यों उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान एवं महाराष्ट्र से मिलती है। विंध्याचल पर्वत का निर्माण क्वार्ज एवं बालू पत्थरों से हुआ है।
- सतपुड़ा के दक्षिण-पूर्वी विस्तार को मैकाल-अमरकंटक श्रेणी कहा जाता है।
- मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पंचमढ़ी है, जो महादेव पहाड़ियों की श्रेणी में स्थित है। इसे सतपुड़ा की रानी कहा जाता है ।
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