2024 ग्रीष्मकालीन पैरा ओलिंपिक खेलों में भारत का प्रदर्शन (India's performance at the 2024 Summer Paralympic Games),पेरिस पैरालिंपिक 2024 में भारत के पदक विजेता
2024 ग्रीष्मकालीन पैरा ओलिंपिक खेलों में भारत का प्रदर्शन (India's performance at the 2024 Summer ParaOlympic Games)
भारत ने 2024 पेरिस पेरा ओलंपिक्स में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ 29 पदक जीते, जिसमें 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य शामिल थे। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ भारत ने 18वीं स्थान पर समाप्त किया। यह प्रदर्शन पिछले पैरालिंपिक्स से काफी बेहतर रहा, जहां भारत ने टोक्यो 2020 में 19 पदक हासिल किए थे।
भारत के प्रदर्शन में विशेष योगदान एथलेटिक्स का रहा, जहां भारतीय एथलीटों ने कुल 17 पदक जीते। सबसे महत्वपूर्ण पदकों में सुमित अंतिल ने पुरुषों की भाला फेंक F64 श्रेणी में लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक जीता और एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा, प्रीति पाल ने 100 मीटर और 200 मीटर T35 इवेंट्स में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया, यह ट्रैक इवेंट्स में भारत की पहली महिला पदक विजेता बनीं।
शूटिंग में अवनी लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल SH1 में अपने टोक्यो 2020 का खिताब बरकरार रखा और स्वर्ण जीता। वहीं, बैडमिंटन में कुमार नितेश और थुलसीमाथी मुरुगेसन ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसमें नितेश ने स्वर्ण और मुरुगेसन ने रजत पदक जीते।
पेरिस पैरालिंपिक 2024 में भारत के पदक विजेता
1.अवनी लेखरा, महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 (शूटिंग) – स्वर्ण
2.मोना अग्रवाल, महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 (शूटिंग) – कांस्य
3.प्रीति पाल, महिलाओं की 100 मीटर T35 (एथलेटिक्स) – कांस्य
4.मनीष नरवाल, पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 (शूटिंग) – रजत
5.रुबीना फ्रांसिस, महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 (शूटिंग) – कांस्य
6.प्रीति पाल, महिलाओं की 200 मीटर T35 (एथलेटिक्स) – कांस्य
7.निषाद कुमार, पुरुषों की ऊंची कूद T47 (एथलेटिक्स) – रजत
8.योगेश कथुनिया, पुरुषों की डिस्कस थ्रो F56 (एथलेटिक्स) – रजत
9.नितेश कुमार, पुरुषों की एकल स्पर्धा SL3 (बैडमिंटन) – स्वर्ण
10.थुलसिमति मुरुगेसन, महिला एकल SU5 (बैडमिंटन) – रजत
11.मनीषा रामदास, महिला एकल SU5 (बैडमिंटन) – कांस्य
12.सुहास यतिराज, पुरुष एकल SL4 (बैडमिंटन) – रजत
13.राकेश कुमार/शीतल देवी, मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन (तीरंदाजी) – कांस्य
14.सुमित अंतिल, पुरुष भाला फेंक F64 (एथलेटिक्स) – स्वर्ण
15.नित्या श्री सिवान, महिला एकल SH6 (बैडमिंटन) – कांस्य
16.दीप्ति जीवनजी, महिला 400 मीटर T20 (एथलेटिक्स) – कांस्य
17.सुंदर सिंह गुर्जर, पुरुष भाला फेंक F46 (एथलेटिक्स) – कांस्य
18.अजीत सिंह, पुरुष जेवलिन F46 (एथलेटिक्स) – रजत
19.मरियप्पन थंगावेलु, पुरुष हाई जंप T63 (एथलेटिक्स) – कांस्य
20.शरद कुमार, पुरुष हाई जंप T63 (एथलेटिक्स) – रजत
21.सचिन खिलारी, पुरुष शॉट पुट F46 (एथलेटिक्स) – रजत
22.हरविंदर सिंह, पुरुष व्यक्तिगत रिकर्व (तीरंदाजी) – स्वर्ण
23.धरमबीर, पुरुष क्लब थ्रो 51 (एथलेटिक्स) – स्वर्ण
24.प्रणव सूरमा, पुरुष क्लब थ्रो 51 (एथलेटिक्स) – रजत
25.कपिल परमार, पुरुष जूडो – 60 किग्रा (जूडो) – कांस्य
26.प्रवीण कुमार T64 हाई जंप (एथलेटिक्स) – स्वर्ण
27.होकाटो सेमा, पुरुष शॉट पुट F57 (एथलेटिक्स) – कांस्य
28.सिमरन सिंह, महिला 200 मीटर टी12 (एथलेटिक्स) – कांस्य
29.नवदीप सिंह, पुरुष जेवलिन एफ41 (एथलेटिक्स) – स्वर्ण
पैरा ओलिंपिक में भारत की एतिहासिक पृष्ठभूमि
पैरालंपिक में भारत का प्रदर्शन पिछले कुछ दशकों में उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। भारतीय पैरा-एथलीट्स ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया है। यहाँ भारतीय पैरा ओलंपिक यात्रा के कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
प्रारंभिक वर्ष
भारत ने पैरालंपिक में पहली बार 1968 के इज़राइल पैरालंपिक खेलों में भाग लिया था। लेकिन उस समय देश के पास सीमित संसाधन और सुविधाएँ थीं। हालांकि, शुरुआती प्रदर्शन में कोई उल्लेखनीय सफलता नहीं मिली, लेकिन इसने भविष्य के लिए नींव रखी।
1972 से 2004 तक
1972 के खेलों में भी भारत का प्रदर्शन औसत रहा।
1984 के पैरालंपिक खेलों में भारत को पहली बार दो पदक मिले, जिसमें भारतीय पैरालंपियन भास्करन नागराजन ने भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीता था।
2004 के एथेंस पैरालंपिक में, राजेंद्र सिंह ने भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता, जो भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल था।
2012 लंदन पैरालंपिक
2012 लंदन पैरालंपिक में भारतीय पैरा-एथलीट्स ने एक बार फिर से बेहतर प्रदर्शन किया। उस वर्ष भारत ने कुल 10 खिलाड़ियों के साथ भाग लिया, जिसमें दो पदक आए:
गिरीश नाथा बाबू ने हाई जंप में रजत पदक जीता।
देवेंद्र झाझरिया ने भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता।
2016 रियो पैरालंपिक
2016 पैरालंपिक खेल भारत के लिए एक मील का पत्थर साबित हुए। भारतीय दल ने कुल 4 पदक जीते, जो अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था:
मरियप्पन थंगावेलु ने हाई जंप में स्वर्ण पदक।
देवेंद्र झाझरिया ने भाला फेंक में दूसरा स्वर्ण पदक।
दीपा मलिक ने शॉट पुट में रजत पदक।
वरुण सिंह भाटी ने हाई जंप में कांस्य पदक जीता।
2020 टोक्यो पैरालंपिक
टोक्यो 2020 पैरालंपिक में भारतीय एथलीट्स ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और कुल 19 पदक (5 स्वर्ण, 8 रजत, 6 कांस्य) जीते। यह भारतीय पैरालंपिक इतिहास का सबसे सफल प्रदर्शन था। कुछ प्रमुख पदक विजेता थे:
अवनी लेखरा – शूटिंग में स्वर्ण और कांस्य पदक।
सुमित अंतिल – भाला फेंक में स्वर्ण पदक।
प्रमोद भगत – बैडमिंटन में स्वर्ण पदक।
मनीष नरवाल – शूटिंग में स्वर्ण पदक।
सिंहराज अधाना – शूटिंग में रजत और कांस्य पदक।
भारतीय पैरा-स्पोर्ट्स की वृद्धि
भारत में पैरा-स्पोर्ट्स में सुधार का मुख्य कारण है खिलाड़ियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएँ, आधुनिक तकनीक का उपयोग, और सरकार एवं प्राइवेट संगठनों द्वारा सहयोग। भारतीय पैरालंपिक समिति और खेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों को आवश्यक सुविधाएँ और सहायता प्रदान की है, जिससे भारत को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है।
निष्कर्ष
पिछले कुछ सालों में भारतीय पैरा-एथलीट्स ने अपनी मेहनत, दृढ़ संकल्प और कौशल के जरिए देश को गौरवान्वित किया है। भारत का पैरालंपिक सफर दिखाता है कि अगर उचित संसाधन और प्रोत्साहन मिलें, तो हमारे खिलाड़ी विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से हो सकते हैं।