भौतिक राशियां और मात्रक : pratoyogita mitra bhautik rashiyan aur matrak

MANJESH SHARMA
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 भौतिक राशियां और मात्रक 



मात्रक / इकाई /Unit 

किसी पी राशि की मां के लिए इस राशि के एक परिमाण को मानक मान लिया जाता है और उसे कोई  नाम दिया जाता है इसी को उसे राशि का मात्रक कहते है।

मात्रक की पद्धतियां
i ) MKS पद्धति
ii) CGS पद्धति 
iii) FPS पद्धति 
iv) SI पद्धति 

i ) MKS पद्धति :- भाई पद्धति जिसमें लंबाई दूरी को मीटर में द्रव्यमान को किलोग्राम में तथा समय को सेकंड में मापा जाता है एमकेएस पद्धति कहलाती है 

ii) CGS पद्धति :- सीजीएस पद्धति में लंबाई को सेंटीमीटर द्रव्यमान को ग्राम तथा समय को सेकंड में मापा जाता है 
सीजीएस पद्धति को फ्रांसीसी पद्धति या मीट्रिक पद्धति  भी कहा  जाता है।

iii) FPS पद्धति :- एप्स पद्धति को ब्रिटिश प्रणाली भी कहा जाता है। 
FPS पद्धति में लंबाई दूरी को फुट में तापमान को पाउंड में तथा समय को सेकंड में मापा जाता है।

iv) SI पद्धति:- ऐसा ही पढ़ती एमकेएस पद्धति का ही संशोधित एवं परिवर्तित रूप है।
यह मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धतिहै

1) रेडियन :- किसी व्रत की पूजा के बराबर लंबाई के द्वारा उसके केंद्र पर बनाया गया कोण एक रेडियन होता है।

2) स्ट्रेडियन :- किसी गोले की सतह पर उसकी त्रिज्या के बराबर भुजा बाले वर्गाकार क्षेत्रफल द्वारा गोले के केंद्र पर बनाए गए घन कोण को 1 स्टेरेडियन कहते है।

मूल मात्रक 

मूल राशियों को व्यक्त करने वाले मात्रक , मूल मात्रक कहलाते है ।

जैसे :- 
  दूरी               -         मीटर 
  द्रव्यमान        -          किलोग्राम 
  समय           -          सेकंड

SI पद्धति के अनुसार 7 मूल मात्रक माने गए है - 


मात्रक पद्धतियां 

मात्रक पद्धति

भौतिक राशियां 

बह राशि जिसे मापा जा सके तथा जिसके माप को संख्या द्वारा व्यक्त किया जा सके  भौतिक राशि कहलाती है। 
जैसे :- द्रव्यमान , लंबाई , समय , आदि | 

परिमाण एवं दिशा के आधार पर भौतिक राशियां दो प्रकार को होती है।

सदिश राशियां :- 

वे राशियां जिन्हें निरूपित करने के लिए दिशा एवं परिमाण दोनों की आवश्यकता होती है सदिश राशियां कहलाती है। 
जैसे :- बल , बल अघूर्ण , बेग , त्वरण , विस्थापन , आवेग , संवेग, आदि। 

आदिश राशियां :- 

अभी रशियन जिन्हें निरूपित करने के लिए केवल परिमाण की आवश्यकता होती है दशा की आवश्यकता नहीं होती है अदिश राशियां कहलाती है |
जैसे :- समय , दूरी , चाल , विद्युत , प्रभाव विभांतर , विद्युत धारा  , कार्य , ऊर्जा आदि आदिश  राशियां  है।

मूल राशियां :- अभी रशियन जो स्वतंत्रता होती है अर्थात जिन्हें व्यक्त करने के लिए अन्य राशियों की आवश्यकता नहीं होती है मूल राशियां  कहलाती है।

ताप , विद्युत , धारा , समय , पदार्थ की मात्रा , ज्योति तीव्रता , लंबाई ,  द्रव्यमान मूल राशियां है ।

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