भारत में चक्रवात पीडीएफ नोट्स।
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चक्रवात (Cyclone)
चक्रवात निम्न वायु दाब के केंद्र होते है; जिसके चारों तरफ अवस्थित उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब केंद्र की ओर अत्यधिक तीव्र चक्रीय गति से हवायें प्रवाहित होती हैं। चक्रवातों के कारण बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि होती है।
चक्रवात शब्द ग्रीक शब्द साइक्लोस से लिया गया है जिसका अर्थ है साँप की कुंडलियाँ।
यह नाम हेनरी पेडिंगटन ने दिया था क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उष्णकटिबंधीय तूफान समुद्र के कुंडलित साँपों की तरह दिखाई देते हैं।
उष्ण कटिबंधीय चक्रवात के उत्पत्ति एवं विकास के लिए अनुकूल स्थितियाँ हैं
1. समुद्री सतह का तापमान 27° सेल्सियस से अधिक हो।
2. कोरिऑलिस बल का होना।
3. ऊर्ध्वाधर पवनों की गति में अंतर कम होना।
4. कमजोर निम्न दाब क्षेत्र या निम्न स्तर का चक्रवातीय परिसंचरण का होना।
5. समुद्री तल तंत्र पर ऊपरी अपसरण का होना।
भारत में उष्णकटिबंधीय चक्रवात प्रभावित क्षेत्र
उष्णकटिबंधीय चक्रवात 30° उत्तर से 30° दक्षिणी अक्षांशों के मध्य (भूमध्यरेखीय 5° उत्तर से 5° दक्षिणी अक्षांश को छोड़कर) उत्पन्न होते हैं।
भारत का प्रायद्वीपीय भाग इन अक्षांशों के अंतर्गत शामिल है।
भारत की अवस्थिति हिंद महासागर में प्रायद्वीपीय है। प्रायद्वीप के तीनों और महासागर हैं, जिसमें पूर्व एवं पश्चिम में क्रमशः बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर है, जिससे इन महासागरीय क्षेत्रों में विकसित होने वाले किसी भी चक्रवात का प्रभाव भारत के तटीय क्षेत्रों पर पड़ता है।
मानसून के दौरान चक्रवात 10° से 15° उत्तरी अक्षांश में विकसित होते हैं, जो सामान्यतया तमिलनाडु, आंध्र के दक्षिणी तटीय क्षेत्र एवं केरल के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं।
बंगाल की खाड़ी में में पैदा होने वाले अधिकतर चक्रवात अक्तूबर-नवंबर माह में 16° से 21° उत्तरी अक्षांश के मध्य विकसित होते हैं, अर्थात् ये चक्रवात आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटों, ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के संपूर्ण तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं।
भारत में चक्रवात
भारत का संपूर्ण तटीय क्षेत्र उष्णकटिबंधीय चक्रवातों से प्रभावित है, परंतु पश्चिमी तट की तुलना में पूर्वी तट अधिक सुभेद्य है। बंगाल की खाड़ी में अक्तूबर-नवंबर में विकसित कुल चक्रवातों का 58% पूर्वी तट को पार करता है तथा इसी काल में अरब सागर में विकसित चक्रवातों का 25% ही पश्चिमी तट को पार करता है।
चक्रवात आमतौर पर मई-जून और अक्टूबर-नवंबर के महीने में आते हैं और भारत के पूरे तट को प्रभावित करते हैं, ये पश्चिमी तट की तुलना में पूर्वी तट पर अधिक प्रवण होते हैं।
चार राज्य - ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल और एक केंद्र
शासित प्रदेश - पूर्वी तट पर पांडिचेरी चक्रवात आपदाओं के लिए सबसे अधिक संवेदनशील हैं।
हालांकि चक्रवात भारत के पूरे तट को प्रभावित करते हैं, पश्चिमी तट की तुलना में पूर्वी तट अधिक प्रवण होते है।
अरब सागर की तुलना में बंगाल की खाड़ी में अधिक चक्रवात आते हैं और अनुपात
लगभग 4:1 है।
वर्ष 2022 के एक अध्ययन में पाया गया कि वर्ष 2001-2019 तक अरब सागर में
चक्रवातों की आवृत्ति 52% बढ़ गई है, जबकि बंगाल की खाड़ी की आवृत्ति थोड़ी कम हुई है।
हिंद महासागर डिपोल का सकारात्मक चरण- आईओडी और
मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन अरब सागर में चक्रवातों की तीव्रता एवं उच्च आवृत्ति में योगदान दे रहे हैं।
बंगाल की खाड़ी के प्रमुख चक्रवात:- यास (वर्ष 2021), अम्फान (वर्ष 2020),
चक्रवात फानी (वर्ष 2019), और आइला (वर्ष 2009)
सुंदरबन - भारत की चक्रवात राजधानी
2024 के प्रमुख चक्रवात
चक्रवात रेमल
नामकरणः ओमान (अरबी में 'रेमल' का मतलब 'रेत' होता है।)
इस वर्ष 2024 प्री-मॉनसून सीज़न में इस क्षेत्र में आने वाला यह पहला चक्रवात होगा।
उद्गम स्थलः बंगाल की खाड़ी
प्रभाव : पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट
चक्रवात दाना
यह उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में बनने वाला तीसरा चक्रवात है
वर्ष 2024 में भारतीय तट पर चक्रवात रेमल के बाद आने वाला दूसरा चक्रवात है। यह मानसून के बाद के चक्रवाती मौसम का पहला चक्रवात है।
नामकरण - कतर ने
प्रभाव-भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और धामरा बंदरगाह के पास ओडिशा तट+ पश्चिम वगाल
चक्रवात 'असना
नामकरण -पाकिस्तान
उत्पत्ति- अरब सागर
प्रभाव : भारत के गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों और दक्षिणी पाकिस्तान को प्रभावित किया
वर्ष 1976 के बाद अगस्त में अरब सागर में आने वाला पहला चक्रवाती तूफान है।
भारत में आए चक्रवातों की सूची
वर्ष चक्रवात प्रभावित क्षेत्र
1970 भोला चक्रवात बंगाल और बांग्लादेश
1999 ओडिशा चक्रवात ओडिशा
2005 प्यार आंध्र प्रदेश और ओडिशा
2008 निशा तमिलनाडु और श्रीलंका
2009 फियान भारत- श्रीलंका
2010 लैला तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश
2012 नीलम तमिलनाडु
2013 फ़्लिन (सुपर) ओड़िसा
2014 हुदहुद आध्र प्रदेश
2014 निलोफर अरब सागर
2016 वरदा, नाडा, क्यांत, रानू चेन्नई
2017 ओखी अरब सागर
2017 मोरा, ओखी बंगाल, तमिलनाडु
2018 तितली ओडिशा आंध्रप्रदेश
2019 फानी ओडिशा
2019 वायु गुजरात
2020 अम्फान भारत और बांग्लादेश
2020 रगनीस महारष्ट्र
2021 ताउते केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र।
2021 यास ओडिशा और पश्चिम बंगाल
2022 असानी और करीम पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और ओडिशा।
2022 सितरंग बंगाल
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